नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa